गुरुवार, 22 नवंबर 2018

Guddu S / o Sri Makkhan Singh R / O Mahmoodpur Pukta P / S Sauro District Kasganj and Reena Devi D / o Sri Harikesh R / O Ngla lale P / S Sauro District Kasganj


VIDHIK CHETANA SAMITI

(Consultation & Reconciliation Centre)


विधिक चेतना समिति, अधिनियम संख्या-21,1860 के अन्तर्गत पंजीकरण संख्या-982/2013-14 पर विधिवत पंजीकृत तथा भारत सरकार के योजना आयोग से यूनिक आई0डी0संख्या-यू0पी0/2013/
कार्यालय-चैम्बर नं0 47, कलक्ट्रेट एटा पिन-207001

प्रकरण संख्या-Guddu and Reena/2018

एन0जी00 में Guddu S/o Sri Makkhan Singh R/O Mahmoodpur Pukta P/S  सोरों जिला कासगंज व Reena Devi D/o Sri Harikesh R/O Ngla lale P/S सोरों जिला कासगंज का  आवेदन प्राप्त हुआ। जिसमें उन्होंने बताया कि उन लोगों ने ek mah poorv को अपने परिवरीजनों के विरोध का सामना करते हुए परस्पर हिंदू रीति रिवाज से विवाह कर लिया।  परिवारीजन इस विवाह के खिलाफ है। जो उनके विरुद्व ऑनर किलिंग या अन्य कोई गम्भीर घटना करा सकते है, इसलिये उन्होंने इस एन0जी00 से सहायता की मांग की। अपने आधार कार्डों के अनुसार दोनों ही वयस्क प्रतीत होते है। ऐसे में माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली की विधि व्यवस्थायें व मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेशों को अवलोकित किया गया। विवाह के समय कानून द्वारा निर्धारित आयु प्राप्त कर चुके थे तो उन्हें सहायता देने हेतु प्रयास किया जाना उचित होगा, क्योंकि लता सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 2006, एएलडी (क्रि0)-2-230 में माननीय उच्चतम न्यायालय ने होल्ड किया है कि-

” If any boy or girl who is a major undergoes inter-caste or inter religious marriages with a woman or man, who is major, the couple will not be harassed by anyone nor subjected to threats or acts of violence and anyone who gives such threats or harasses or commits acts of violence either himself or at his instigation, is taken to task by instituting criminal proceedings by the police against such persons and further stern action is taken against such persons as provided by law. The Apex Court further held that the police at all the concerned places should ensure that neither the petitioner nor her husband nor any relatives of the petitioners husband are harassed or threatened nor any acts of violence are committed against them. If anybody is found doing so, he should be proceeded against sternly in accordance with law by the authorities concerned.”

वहीं The Apex Court in the case of D. Velusamy Vs D. Patchaiammal (2010) 10 SCC-469 has even recognized live-in-relationship between a man and woman in the nature of marriage.श्रीमती नन्दनी व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य 2013 (1) एडीजे 591 में मा0 उच्च न्यायालय ने होल्ड किया है कि-where parties to the marriage are adults and have chosen to live together as husband and wife, police is required to give protection. आवेदकों ने अपनी ऑनर किलिंग की सम्भावना व्यक्त की गई है, और समिति के सहायता चाही है।  ऐसी परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये आवेदकों की जानमाल की सुरक्षा हेतु भारतीय संविधान व मा0 सुप्रीम कोर्ट व मा0 उच्च न्यायालय की विधि व्यवस्थाओं व उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश संख्या- 1440/छः-पु-3/ 2007-28पी/2007 के प्रकाश में सम्बन्धित सक्षम अधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली सोरों जिला कासगंज को इस कार्यवाही की प्रति अग्रसारित की जाती है तथा पंजीकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही शासन के सम्बन्धित रजिस्ट्रार के कार्यालय में कराने हेतु आवेदकों से अपेक्षा की जाती है।


                                       सैक्रेटरी

प्रतिलिपि- निम्न लिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही के निवेदन के साथ प्रेषित
1- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, कासगंज।
2- प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली सोरों, जिला कासगंज।

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